कविता - मुश्किल समय में नींद के फूल - मोहन कुमार झा
मुश्किल समय में नींद के फूल
इस बरस बगीचे में खूब फूल खिलें
जो पौधे सूखे थे, पत्ते विहीन थे
वे भी लहलहा उठे
जो हरे थे मगर कभी फूले नहीं थे
उनमें भी फूल आएं
रंग-बिरंग के फूल
खुश्बूओं से सराबोर फूल
धूप में चमकते फूल
रात में महक बिखेरते फूल
फूल ही फूल
उम्मीदों के फूल
हसरतों के फूल
जरुरतों के फूल
मेहनत के फूल
ईमानदारी के फूल
मुश्किल समय में नींद के फूल
सम्पर्क : मोहन कुमार झा, अररिया, बिहार